About Shodashi
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Oh Lord, the grasp of universe. You will be the eternal. You would be the lord of the many animals and the many realms, you will be the base on the universe and worshipped by all, with no you I'm nobody.
This classification highlights her benevolent and nurturing features, contrasting With all the intense and gentle-intense natured goddesses inside the team.
A unique function with the temple is usually that souls from any faith can and do offer you puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from numerous religions and cultures.
अष्टमूर्तिमयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥८॥
Her form is said for being probably the most gorgeous in every one of the 3 worlds, a attractiveness that is not merely Bodily but additionally embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is often depicted for a resplendent sixteen-12 months-old Lady, symbolizing eternal youth and vigor.
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने website वाली है।
क्या आप ये प्रातः स्मरण मंत्र जानते हैं ? प्रातः वंदना करने की पूरी विधि
लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः
The iconography serves like a point of interest for meditation and worship, letting devotees to connect While using the divine Electrical power on the Goddess.
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
Her part transcends the mere granting of worldly pleasures and extends on the purification from the soul, bringing about spiritual enlightenment.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
Knowledge the significance of these classifications assists devotees to pick out the right mantras for their particular spiritual journey, making sure that their techniques are in harmony with their aspirations along with the divine will.